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प्यार की भाषा

Posted by khaskhabar.com
voice of love

दुनिया में हर इंसान प्रेम की भाषा समझता है। लेकिन प्रेम की कोई सटिक परिभाषा नहीं है। कई पत्नियां अपने पति का कहना मान लेनेभर को प्रेम समझती है। लेकिन प्यार का मतलब तो दो लोगों को आपस में गहराई से जोडना है। आपसी जुडाव और एक दूसरे को समझने के लिए एक दूसरे को समय देना बहुत जरूरी है। प्रेम की भाषा बोलने से दांपत्य जीवन में मधुरता और प्रगाढता बनी रहती है।
1. प्रेम देने और पाने के प्रेमपगी भावनाएं होना बहुत जरूरी है। प्रेम की भावनाओं को शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया जा सकता है। हमारे द्वारा बोला हुआ एक गलत शब्द किसी को भी तीर की तरह चुभ सकता है। लेकिन यदि हम बोलते समय सामने वाले की भावनाओं का ध्यान रखें और प्रेम से बोलें तो उस व्यक्ति से हमारे संबंध अच्छे रहेंगे और प्रगाढता आएगी। जरूरी नहीं कि तारीफ के लिए लंबे-चौडे वाक्यों या खूबसूरत शब्दों का उपयोग करें। आप अपने साथी की तारीफ सीधे-साधे शब्दों में भी की जा सकती है। ज्यादातर कपल्स तारीफ करने के लिए किसी खास मौके की तलाश में रहते हैं। लेकिन खास मौके के चक्कर में वे यह अवसर गंवा देते हैं।
2. किसी भी रिश्ते में मधुरता और प्रगाढता लाने के लिए सबसे अह्म चीज है समय। समय का अर्थ सिर्फ साथ रहना ही नहीं होता है। दुनियादारी को भूल कर लंबी और दुनियाभर की बातें करना ही समय की असली परीक्षा है। जब आप अपने साथी के साथ रहें तो आप दोनों का ध्यान एक दूसरे की तरफ ही होना चाहिए। आप उस वक्त में अपने साथी के साथ मिलकर कोई नयी योजना बना सकते हैं। या कोई अधूरा काम पूरा कर सकते हैं। जब दो व्यक्ति मिल कर कोई काम करते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है। प्रेम की भाषा एक ऎसी भाषा है जिसका जितना प्रयोग करेंगे आपका रिश्ता उतना ही मधुर और प्रगाढ़ बनेगा। कभी भी बिना सोचे-समझे या गुस्से में कुछ ना बोलें।
3. एक दूसरे को समय-समय पर उपहार दें। उपहार सिर्फ प्रेम या प्यार का प्रतीक है। प्यार की कोई कीमत नहीं होती। खासअवसर या मौके पर तो सभी उपहार देते हैं। लेकिन कभी-कभी बिना अवसर या मौके के भी अपने साथी को उपहार दें। वह उपहार आपके साथी के लिए अविस्मरणीय हो जाएगा। उपहार ऎसा दें जिसकी आपके साथी को आवश्यकता हो। जैसे आपके पति को गर्म मफलर की जरूरत है और आप उन्हें उपहार में पुस्तकें भेंट करें। तो आपकी दी हुई पुस्तकें आपके साथी को उतनी प्रभावित न करें। जितना मफलर देने पर वह प्रभावित होता। इसलिए अपने साथी की पसंद को जानें। तोहफे आपके प्रेम की निशानी होती है। सालों बाद जब आप उस तोहफे को देखते हैं जो आपको आपके साथी ने दिया था। तो आपके सामने वह दृश्य और भावनाएं ताजा हो उठती है।
4. शादी से पहले लडका-लडकी एक दूसरे के काम के लिए तत्पर रहते हैं। शादी के बाद लडके अपनी पत्नी पर रोब झाडने को अपना अधिकार समझने लगते हैं। वे चाहते हैं कि पत्नी उनका हर काम करे, उनका घर संभाले, बच्चाों को संभाले और पति की सेवा भी करे। लेकिन पत्नी क्या चाहती है इस बात उनका ध्यान नहीं जाता और धीरे-धीरे रिश्ते की मिठास फीकी पडने लगती है। पतियों को भी पत्नी के छोटे-छोटे कामों में उनकी मदद करनी चाहिए। जैसे घर के जाले साफ करना, धुले परदों को फिर सेटांगना आदि। काम करने का मतलब सिर्फ जिम्मेदारी उठाना ही नहीं होता है। यह प्यार दिखाने का एक बहुत अच्छा तरीका भी है। जब आपको किसी के प्रति प्रेम होता है तो आप उस व्यक्ति का काम खुशी-खुशी करते हो।
5. बच्चों से लेकर बूढ़े तक हर इंसान स्पर्श की भाषा को समझते हैं। स्पर्श अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का सबसे अच्छा माध्यम है। कभी-कभी स्पर्श इतना ज्यादा कह जाता है कि शब्द उसके सामने बेमानी से लगने लगते हैं। शारीरिक स्पर्श में किसी भी संबंध को बनाने और बिगाडने की क्षमता होती है। स्पर्श प्रेम और नफरत दोनों तरह की भावनाओं को बहुत अच्छे तरीके से एक दूसरे तक पहुंचा देता है। यदि आपका साथी आपसे नाराज है और आप उसे मनाना चाहते हैं तो ढेर सारे शब्द कहने के बजाय आप उसकी ओर अपनी बांहे फैला दें, यह ज्यादा प्रभावी होगा शब्दों के बजाय। आपके साथी के आपकी बांहो में आने पर सारी शिकायतें आंसुओं में बह जाएगी। यदि आप दुख के समय किसी का हाथ थाम लें, तो वह उस स्त्रेहिल स्पर्श को जीवनभर याद रखेगा।
पति-पत्नी यदि स्पर्श की भाषा को ढंग से समझे तो उनका रिश्ता हमेशा ताजा और मधुर बना रहेगा। जैसे सांत्वना से अपने साथी के कंधे पर हाथ रख देना, तारीफ के लिए पीठ थपथपा देना। अपने साथी का हाथ अपने हाथ लेकर प्यार को दर्शाना। ये स्पर्श बिना शब्दों के बहुत कुछ कह जाते हैं। ये प्रेम की भाषा यदि इंसान अपने जीवन में अपना ले तो रिश्ते और ज्यादा मजबूत और गहरे होते जाएंगे।