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हमदर्द

Posted by khaskhabar.com
Relationship and love

पत्नी के दर्द को महसूस करना, उसके दर्द से रिश्ता बनाना और दूर जाने का कारण जानना सुखद सेक्स के लिए बहुत ही जरूरी है। ज्यादातर पुरूष सिर्फ पत्नी के शरीर से ही मतलब रखते हैं। पत्नी को क्या तकलीफ है और वह क्यों सेक्स लाइफ में रूची नहीं ले पा रही है अगर पति यह जानने की कोशिश करता है तो पत्नी मूड होने या न होने बारे में नहीं सोचती। अपने साथी के दर्द को जानने की कोशिश करें, उसके दर्द से रिश्ता जोडने की कोशिश करें।
जब तक दर्द से रिश्ता नहीं होगा, आपस का प्यार भी गहरा नहीं होगा। जब आप पत्नी के दर्द को उसकी तकलीफ को नजरअंदाज करेंगे तो उसके मन में आपके प्रति विद्रोह की भावना प्रबल होगी। पत्नी की नजरों में आप निर्दयी और स्वार्थी बन जाएंगे। अपने साथी के दर्द और तकलीफ के प्रति संवेदना व्यक्त करें। इससे दर्द तो कम नहीं होगा लेकिन संवेदना व्यक्त करने वाले के प्रति मन में प्यार उमडता है। तब वह दर्द को भूलकर आपके प्यार को महत्तव देंगी। इसलिए अपनी पत्नी के हमदर्द बनें।
जीवन साथी को हमराही, हमदर्द, हमसफर न जाने कितने ही ऎसे नामों से पुकारा जाता है। इन नामों का अपना अर्थ और महत्तव है। लेकिन अधिकाशं पुरूष सिर्फ पति ही बनकर रह जाते हैं। हमदर्द या हमराही नहीं बन पाते। जब आप एक दूसरे के दर्द को समझेंगे तो आपका प्यार जवां होगा और आप अपने जीवन साथी के और भी करीब आ जाएंगे। दांपत्य जीवन में प्यार का होना उतना ही जरूरी है जितना वैचारिक तालमेल का होना। वैचारिक तालमेल होने पर पति-पत्नी एक दूसरे के दर्द को तुरंत समझ लेते हैं और एक दूसरे के दर्द को दूर करने कीकोशिश करते हैं। यदि आप अपने साथी के दर्द को नहीं समझते और उसे नजरअंदाज करते हैं तो वह भी आपका सगा नहीं हो पाएगा और एक दिन आपका साथी आपको छोडकर उस व्यक्ति से नाता जोड लेगा जो उसका हमदर्द साबित होगा। दर्द जीवन का एक अह्म हिस्सा है और सबके जीवन में आता है। यदि आप अपने साथी के दर्द को नहीं समझेंगे तो आपके साथी का आप पर से विश्वास उठ जाएगा। सुखों के साथी तो सभी होते हैं लेकिन आप अपने जीवन साथी के दर्द के साथी बनें। मुश्किल घडियों में अपने साथी का साथ कभी न छोडें। एक दूसरे के दर्द को गहराई से समझे उसे जानें।