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चंद्रराशि अनुसार प्रेम संबंध [वृषभ राशि]

Posted by khaskhabar.com
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वृषभ + मेष : जिस तरह दो विपरीत धु्रवों में परस्पर आकर्षण बना रहता है, उसी तरह वृषभ और मेष राशि विपरीत गुणों के होते हुये भी परस्पर बँधे रहते हैं। मेष की ऊर्जा, उसके आवेग और उसकी ओज को धारण करने की शक्ति है तो सिर्फ वृषभ रçाश वालों के पास। परस्पर समान गुणों के रहते हुये किसी production की उम्मीद नहीं की जा सकती। उत्पत्ति चाहे प्रेम की हो, विश्वास की हो, श्रद्धा की हो - विपरीत गुणों के रहते ही संभव हो पाती है। यही विपरीत गुणों की सार्थकता शत प्रतिशत सही बैठती है तो वह वृषभ और मेष वालों की पारस्परिक मिलान पर। एक अग्नि है तो दूसरे में उस ताप को सहने की सामथ्र्य है। एक चंचल व चलायमान है तो दूसरी में स्थायित्व है, जो उसकी सीमाओं से परे जाने से उसे रोकती है। समान गुण प्राय: कर जीवन में ठहराव ला देते हैं लेकिन परस्पर विपरीत गुण नये रास्ते बनाकर आगे चलने की प्रेरणा देता है। वृषभ रçाश को मेष राशि के संपर्क से गतिशीलता तथा सतत् कार्यो को करने की प्रेरणा प्राप्त होती है और मेष राशि वृषभ के संपर्क दिशा रहित भटकने की अपेक्षा लक्ष्य तय कर आगे बढ़ने की ओर प्रेरणा प्राप्त करती है। वृषभ को गतिशीलता तथा मेष को स्थायित्व प्राप्त होता है।
वृषभ + वृषभ : आप दोनों राशियों के व्यक्ति में एक समान गुणों के होने के कारण परस्पर आकर्षण का प्रभाव रहता है। आपमें सत्यनिष्ठा, ईमानदारी, कत्तüव्यनिष्ठा, समर्पण तथा परस्पर सामंजस्य एक दूसरे के प्रति खूब देखने को मिलता है। आपके परस्पर रिश्तों में आत्मीयता कम तथा औपचारिकता अधिक पाई जाती हैं। आप दोनों में कोई भी एक-दूसरे को नाराज नहीं करना चाहते, बल्कि कत्तüव्यों को पूरा करने की चाह में एक-दूसरे से बँधे नजर आते हैं। आपका यही दृष्टिकोण प्रेम को कत्तüव्य के बोझ के नीचे दबा देता है और इस प्रेम की खोज अन्यत्र करते हैं। एक-दूसरे को समझने के लिये न आपमें चाहत होती है और न ही जरूरत और केवल एक-दूसरे की आवश्यकताओं को पूरी करने के लिये जीवन नैय्या को पार लगा लेते हैं। आपके लिये स्वभाव का प्रेमपक्ष या स्वयं मानव प्रेम सबसे महЮवपूर्ण अंग है। प्रेम आपके लिये जीवन को जीने की कला है लेकिन आप दोनों का सम्बन्ध प्रेम का विस्तार तो पाता है लेकिन नई ऊँचाई नहीं प्राप्त करता।
वृषभ + मिथुन : आप दोनों का संबंध अनेक दृष्टियों से उत्तम बैठता है। एक दूसरे पर न्यौछावर होने का आपमें अहसास होता है। आपकी भावनाओं को समझने की मिथुन राशि वालों में सामथ्र्य होती है क्योंकि वे भावनाओं तथा यर्थाथ के अच्छे पारखी होते हैं। वे आपके गुणों का दफन नहीं करते अपितु उसे तराशकर नया आयाम या रूप देेते हैं। वृषभ के प्रेम रूपी नदिया को मिथुन के रूप में किनारा प्राप्त हो जाता है जो उसकी धारा को एक दिशा देता हुआ उसके चरम लक्ष्य (समुद्र) तक पहुँचने में सहायक होता है। मिथुन के संपर्क से वृषभ वालों को सही लक्ष्य प्राप्त हो जाता है और वृषभ के संपर्क से मिथुन को रास्ते मिल जाते हैं। आपकी सामथ्र्य का मिथुन राशि वाले सही आंकलन कर पाते हैं। वृषभ वालों को हर समय अपनी जिद्द पर नहीं अ़डे रहना चाहिये और वक्त के साथ समझौता कर सामंजस्यता रखनी चाहिये। आपकी अडिगता आपके रिश्तों में कटुता पैदा कर सकते हैं और मिथुन को भी अपने विषय में बढ़-चढ़कर बोलने से बचना चाहिये ताकि वृषभ वालों के अहम् को ठेस न लगे।
वृषभ + कर्क : लक्ष्य एक हो और रास्ते भले ही अलग हो, तो वे दोनों एक दूसरे से प्रेरित होकर कार्यशील रहते हैं। ऎसा ही कुछ आप दोनों के साथ है। वृषभ और कर्क दोनों ही सौन्दर्य के प्रेमी हैं। एक कल्पना करता है तो दूसरी उसकी कल्पनाओं में रंग भरता है। एक विषय वस्तु देता है तो दूसरा भोग की प्रवृत्ति देता है। एक में पंखों के सहारे उ़डने की चाहत है तो दूसरा खुला आकाश है। वृषभ स्थिरता में तथा कर्क गतिशीलता में विश्वास करती है। वृषभ, कर्क के संपर्क से आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त करती है तो कर्क वृषभ से अपने यर्थाथ से, अपनी ज़डों से, अपनी परम्पराओं व मर्यादाओं से जु़डे रहने को प्रेरित होती है। स्थिर व दृढ़ निश्चय वृषभ, कर्क के संपर्क से कोमल व सौम्य हो जाते हैं और बंधनों को तो़डने की प्रेरणा प्राप्त करती है। आप दोनों में जीवन को जीने की उमंग होती है। आप दोनों का संबंध आपको एक और एक मिलाकर ग्यारह बनाते हैं।
वृषभ + सिंह : आप दोनों का परस्पर आकर्षण आपके संबंधों को स्थायित्व देता है। सिंह वालों का अत्यधिक स्वैच्छिक व निरकुंश व्यवहार वृषभ वालों के धैर्य को बाँध तो़ड देता है। सिंह वाले राजशाही विचारों से प्रेरित होकर आदेशात्मक रूख अपनाये रहते हैं और इसी प्रवृत्ति के चलते आप निरंकुश हो जाते हैं, लेकिन वृषभ की धैर्यशक्ति व सहनशीलता आपको स्वैच्छिक होने से रोके रखती है। सिंह राशि वालों को स्वकेन्द्रित होने की भावना का त्याग कर वृषभ वालों के सुझावों को भी स्वीकार करना चाहिये। अगर आप राजा व स्वतंत्र विचारधारा वाले हैं तो वृषभ भी मंत्री और अच्छे सलाहकार हैं। आप दोनों के मिलन से जीवन की ग़ाडी अच्छी चल सकती है। सिंह के संपर्क से वृषभ को आत्मविश्वास व आत्मबल की प्राçप्त होती है और वृषभ के संपर्क से सिंह विपरीत परिस्थितियों में धैर्य रखकर कार्य करने की प्रेरणा प्राप्त करती है।
वृषभ + कन्या : यद्यपि आपमें परस्पर आकर्षण का प्रभाव रहता है तथापि सहनशीलता तथा व्यवहारिक स्वभाव के कारण आपके बीच रिश्तों की मधुरता कायम रहती है। वृषभ को कन्या के संपर्क से अपनी भावनायें प्रकट करने का माध्यम मिल जाता है और कन्या को वृषभ के संपर्क से विविधता व आत्मत्याग की प्रेरणा मिलती है। अधिक यर्थाथपरक होना भी जीवन में सौन्दर्य व मधुरता को खत्म कर देता है और अत्यधिक व्यवहारिक दृष्टिकोण भी व्यक्ति को स्वार्थी बनने की प्रेरणा देता है। अत: बुद्धि और भावना का संतुलन रखा जाय तो सह-संबंध अच्छा बन प़डता है। दोनों राशियों के परस्पर गुण आपको एक दूसरे के प्रति निष्ठावान बनाते हैं। कन्या की रचनात्मक प्रतिभा वृषभ के व्यक्तित्व में सम्मोहन पैदा करती है।
वृषभ + तुला : वृषभ और तुला का संबंध भी अच्छा होता है। वृषभ वाले जीवन में स्थायित्व को अधिक महЮव देते हैं तो तुला वाले जीवन के हर पहलू को ध्यान में रखते हैं। वृषभ वालों के लिये कला जीवन है तो तुला वालों के लिये जीवन कला है। वृषभ वाले उद्देश्य प्राçप्त के लिये जीवन को महЮव नहीं देते और तुला वाले जिन्दादिली के साथ अपने लक्ष्यों को सहज प्राप्त कर लेते हैं। वृषभ वाले कत्तüव्यों के बोझ तले दब जाते हैं जबकि तुला वाले व्यावहारिक होकर इसे निभा ले जाते हैं। तुला के संपर्क से वृषभ को सुगठित व सुनियोजित होने की प्रेरणा प्राप्त होती है तो वृषभ के संपर्क से तुला को कार्य कौशल व मान-सम्मान की आशा की जा सकती है। वृषभ वालों को चाहिये कि छोटी-छोटी बातों को तूल न देकर वक्त से समझौता करें। जीवन सिद्धांतों के लिये नहीं बल्कि सिद्धांत जीवन के लिये हैं।
वृषभ + वृश्चिक : आप दोनों राशियों का संबंध परस्पर सह्वदयता पर निर्भर है। वृषभ वाले अपने प्रेम का इजहार नहीं करते और प्रेम को अंदर ही रखते हैं जबकि वृश्चिक वालों को प्रेम हो जाये, तो वह प्रेम प्रदर्शन खुलकर करते हैं और अपने प्रेम प्रदर्शन के लिये नये-नये रास्ते भी खोजते हैं। वृषभ वालों के लिये प्रेम आत्मा का विषय होता है जबकि वृश्चिक वालों के लिये प्रेम अभिव्यक्ति का। वृश्चिक वालों का रहस्यात्मक दृष्टिकोण प्रेम के विषय को लेकर स्पष्ट एवं निर्मल हो जाता है। वृषभ वालों को चाहिये कि वृश्चिक वालों के प्रेम का निरादार न करें और उनकी अभिव्यक्ति को प्रेम की गहराई के रूप में स्वीकार करें। आप दोनों में ही प्रधान बनने की इच्छा होती है अत: इस कारणवश कभी-कभी संघर्ष की स्थिति आ जाती है अत: एक दूसरे की छोटी-छोटी कमियों को नजर अंदाज करते हुये एक दूसरे के व्यवहार की प्रशंसा करें।
वृषभ + धनु : परस्पर दोनों राशियों में आकर्षण होने के कारण आप एक-दूसरे के व्यक्तित्व से प्रभावित रहते हैं। एक के लिये प्रेम भौतिकवाद व बाह्य आकर्षण होता है तो दूसरे के लिये प्रेम आत्मा का विषय होता है। एक के लिये प्रेम "अभिव्यक्ति" है तो दूसरे के लिए "अनुभूति"। एक प्रेम को पाकर जीता है तो दूसरा हाकर जीता है। वृषभ वालों को प्राय: चकित होना प़डता है क्योंकि धनु के व्यक्तित्व की तक तक पहुँच पाना वृषभ वालों के लिये सरल नहीं है। धनु का प्राकृतिक स्वभाव, अधिकार प्रिय, करूणामय और मर्यादा का इच्छुक है। यह वृषभ वालों के सहज आकर्षण पर अंकुश लगाता है। धनु वाले भी वृषभ के संपर्क से प्रेम के कृष्ण रस का आनन्द उठाते हैं।
वृषभ + मकर : परस्पर स्त्री राशि होने के कारण आपमें भले ही आकर्षण का अभाव हो लेकिन पृथ्वी तथा स्थिर राशि होने के कारण आप एक-दूसरे का गुणो का सम्मान करने वाले होंगे। प्रेम जैसे विषय पर आपका दृष्टिकोण लगभग समान रहता है। प्रेम करते हैं तो स्थायित्व भी चाहते हैं। प्रेम आपके लिये "समय व्यतीत का साधन" नहीं है अपितु प्रेम आपके लिये वक्त से भी अधिक महЮवपूर्ण है। मकर राशि वाले प्रेम के मामले में अधिक धीमे होते हैं जबकि वृषभ वाले प्रेम की प्राçप्त तक प्रयासशील बने रहते हैं। मकर वालों का प्रेम वृषभ के संपर्क से अभिव्यक्ति की प्रेरणा पा जाता है और प्रेम संबंध बनाने में सफल हो जाता है।
वृषभ + कुंभ: आप दोनों राशियों में परस्पर आकर्षण बना रहता है। आप दोनों ही अपने अंदर भावनाओं का अथाह समुद्र लिये होते हैं जो ऊपर से तो शांत दिखाई देता है लेकिन हलचल होने पर किसी सुनामी से कमतर नहीं होता है। या तो आप प्रेम करते नहीं है और अगर करेंगे तो उसकी प्राçप्त के लिये जमीन और आसमान एक कर देते हैं। आप प्रेम के लिये सामने वाले की हाँ का इंतजार नहीं करते अपितु ढढ् द्यश्1e 4श्ह्व कहकर उससे भी प्रेम अभिव्यक्ति करवा लेते हैं। कुंभ वालों का संकोची स्वभाव भी वृषभ वालों के संपर्क में आकर iद्यह्व-iद्यह्व करने लगता है।
वृषभ + मीन : ये दोनों राशियाँ ही प्रेम जैसे विषय को लेकर सपनों की दुनिया में खो जाते हैं। दोनों के ह्वदयों में प्रेम की तरंगें समान गति से उठती रहती हैं और अभिव्यक्ति के लिये एक-दूसरे का इन्तजार करते रहते हैं। मीन वालों को सरल व सौम्य व्यवहार वृषभ को सहज आकर्षित कर अपने मोहपाश में बाँध लेता है। वृषभ के संपर्क से मीन वाले अपनी भावनाओं को व्यक्त कर पाते हैं। मीन के प्रेम को वृषभ वाले स्वीकार कर पाते हैं। आप एक दूसरे की भावनाओं को अच्छी तरह से समझते हैं और अपनी दोस्ती को प्यार में बदल सकते हैं। सौंदर्य तथा कला प्रेमी होने के कारण आपका संबंध रोमांस से भरा रहेगा।
आभार: एस्ट्रोब्लेसिंग डॉट कॉम