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यौन संबंध और बदलता नजरिया

Posted by khaskhabar.com
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यौन-संबंध हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मां-बाप द्वारा तय किए गए विवाह-संबंधो में दो अपरिचित लोगो में जु़डाव का पहला स्तर शारीरिक ही होता है। विवाह से पूर्व अगर आपसी मेल-मिलाप और बातचीत हो तो बेशक बाद में एक दूसरे को अपनाने में दिक्कत नही आती है परंन्तु अगर आप एक दूसरे से बिलकुल अंजान है तो वैवाहिक संबंधो में साथ रहते-रहते एक दूसरे के लिए समर्पण की भावना से ही प्यार पनपता है। पुराने जमाने में जहॉं यौन संबंध केवल विवाह बाद बनाये जाने वाला संबंध माना जाता था वही आज हमारे समाज में आए व्यापक बदलाव व "लिव इन" रिलेशनशिप व समलैंगिक संबंधो के चलते यह मात्र विवाह बाद होने वाली क्रिया नही रह गई है। बदलते समाज के साथ आज छोटी उम्र में ही ल़डके-ल़डकियां इसका सुख भोग लेना चाहते है, ऎसा इसलिए भी हो रहा है क्योंकि वे इसकी सुरक्षा के उपायों से अवगत हो रहे है।
आज का भारतीय समाज सेक्स संबंधो पर खुलकर विचार विमर्श करने में झिझक महसूस नही करता हैं। सेक्स के प्रति भारतीय समाज के बदलते नजरिए और सेक्स संबंधो से जु़डे कुछ खास विषयों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए इंटरनेट पर एक ऑनलाईन सर्वे किया गया। चूंकि ये सर्वे ऑनलाइन था इसलिए लोगो ने बेहिचक हो कर अपने यौन संबंधो का खुलासा किया। इस सर्वेक्षण में 18 साल से अधिक आयु के करीब 13,000 लोगो ने हिस्सा लिया। यह सर्वेक्षण विवाहित व अविवाहित दोनो ही वर्ग के लोगो पर किया गया।
इस सर्वेक्षण के मुख्य आधार थे-
1. यौन आदते 2. यौन उत्तेजना 3. यौन क्री़डा 4. यौन अवस्था 5. गर्भ निरोध 6. समलैगिकता 7. विवाहपूर्व सेक्स

सर्वेक्षण में आए परिणामों के अनुसार सप्ताह में औसतन एक बार से जादा यौन संबंध बनाने वालों की आबादी बढ़ कर (81%') हो गई है जो पिछले वर्ष (73%') ही थी। और करीब (88%') लोग अपनी यौन आदतो से खुश है। इस सर्वेक्षण के परिणामों से यह भी खुलासा हुआ है कि जहॉं अधिकतर पुरूषों में यौन उत्तेजना उत्पन्न करने का प्रथम स्थान स्तन, फिर संपूर्ण सौदंर्य व अन्त में नितंम्ब रखते है वही महिलाओं को पुरूषों में संपूर्ण सौदर्य यौन संबंध बनाने के लिए अधिक उत्तेजित करता है। यौन-संबंध बनाते वक्त करीब (88%) स्त्री-पुरूष चुंबन को प्राथमिकता देते है। वही सर्वेक्षण से प्राप्त आंक़डो के अनुसार (80%)पुरूष, यौन संबंध बनाते वक्त स्त्री के ऊपर आने की अवस्था को सबसे अधिक आंनदमय अवस्था मानते है।
गर्भ निरोधको के प्रति भी लोगो की जागरूरकता ब़डी है, करीब (62%) विवाहित व अविवाहित दोनो ही वर्ग सुरक्षित सेक्स के प्रति गंभीर है और यौन-संबंध बनाते वक्त कंडोम का उपयोग आवश्यक मानते है। पश्चिमी देशो में भले ही सामाजिक संबंधो को पंसद करने वालो के आंक़डे ज्यादा हो पर हमारे भारतीय समाज में आज भी मात्र (17%) लोग ही इसके पक्ष में है बाकी (78%) लोग इसे वर्जित ही मानते है।
विवाहपूर्व सेक्स संबंधो पर भी लोगो ने इस सर्वेक्षण में खुलकर अपनी राय दी है। विवाहित लोगो मे एक तिहाई से ज्यादा और अविवाहितो में आधे से ज्यादा मानते है कि उन्होने विवाहपूर्व संबंध बनाये थे। (79%) लोगो ने मित्र के साथ व (26%) ने होने वाले पति या पत्नी के साथ अपने यौन-संबंधो को स्वीकार है। विवाहपूर्व सेक्स में हुई वृद्धि की लोगो ने आलोचना तो की है परंतु इसे नकारा नही है। इस ऑनलाइन सर्वेक्षण के परिणामो से यह तो साबित हो गया है कि सेक्स के प्रति भारतीय समाज का नजरिया तेजी से बदल रहा है। और पुरानी वर्जनाओ को तो़डकर हमारा समाज एक नई ही डगर पर चल प़डा है।