घर का वैद्य
हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा हमारा स्नायु तंत्र या स्नायु संस्थान है। इसका काम शरीर से जु़डी हुई सभी संवेदनाओं को इकटा कर मस्तिष्क तक पहुंचाना होता है। जिस वक्त हमारा स्नायु संस्थान काम करना बंद कर देता है या उसमें कोई दोष आता है तो लकवा आदि बीमारियों से व्यक्ति ग्रसित हो जाता है।
यदि इस तंत्र में दुर्बलता आती है, व्यक्ति में निम्न लक्षण देखने को मिलते हैं - वह जल्दी थकता है, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करता है, चक्कर आते हैं, दिल की ध़ाडकन बढ़ती है और अपने शरीर की शक्ति से अधिक शारीरिक श्रम करना और अधिक मानसिक श्रम करने से यह रोग हो जाता है। ऎसे में व्यक्ति की याददाश्त भी बहुत कम हो जाती है।
इसके ईलाज के लिए काली मिर्च, अदरक, पिस्ता, बादाम, किशमिश और अदरक को बराबर मात्रा में मिलाकर इसका एक पेस्ट बना लें। जिसे सुबह-शाम खाने से इस रोग में कमी आती है।
अदरक को छाँव में सुखाकर उसकी सोंठ बना लें। इस सोंठ में थो़डा जीरा और शहद मिलाकर सुबह-शाम चाट लें। त्रिफला और अदरक का रस दोनों को शहद में मिलाकर पीने से स्नायु दुर्बलता में आराम आता है।
आभार: एस्ट्रोब्लेसिंग डॉट कॉम